प्रशांत श्रीवास्तव: जन्म से ज्योतिषी और Astro Meditation के संस्थापक | Sri Prashant Astrology


प्रशांत श्रीवास्तव: जन्मजात ज्योतिषी और ‘Astro Meditation’ के प्रणेता 

जानिए कैसे  प्रशांत श्रीवास्तव जन्म से ही ज्योतिषीय चेतना से संपन्न हैं और उन्होंने कैसे “Astro Meditation” नामक अद्वितीय साधना पद्धति से हजारों लोगों के जीवन में संतुलन और शांति लाई।

प्रशांत श्रीवास्तव: जन्म से ज्योतिष, जीवन से साधना, और ‘Astro Meditation’ के प्रवर्तक

आज के युग में जहाँ ज्योतिष को एक पेशे के रूप में देखा जाने लगा है, वहीं प्रशांत श्रीवास्तव ऐसे ज्योतिषी हैं जिनका जीवन स्वयं ज्योतिष का साक्षात उदाहरण है। वे न केवल एक अनुभवी ज्योतिषी हैं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधक भी हैं जिन्होंने “Astro Meditation” नामक एक अनूठी साधना विधि विकसित की है।
यह विधि व्यक्ति के ग्रहों, कर्म और चेतना को संतुलित कर, जीवन में अद्भुत परिवर्तन लाती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं?
प्रशांत श्रीवास्तव जन्म से ही एक ज्योतिषीय चेतना के धारक हैं। लेकिन प्रशांत श्रीवास्तव जी जो हमेशा कहते है, 

"मेरी बातो को जान लीजिये ....... लेकिन निर्णय स्वयं करिये "

उनकी बाल्यकाल की घटनाएँ, और जीवन के अनुभव आदि के बारे में आइये सक्षिप्त जानकारी प्राप्त करे फिर हम सब स्वयं निर्णय करे कि, क्या वे केवल अध्ययन से ही या , ईश्वरीय वरदान से ज्योतिषी बने हैं

जन्म और प्रारंभिक चेतना: बाल्यावस्था में दिखी दिव्य दृष्टि

प्रशांत श्रीवास्तव का जन्म एक अत्यंत शिक्षित और संभ्रांत परिवार में विश्व की धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी )  भारत में हुआ। प्रशांत श्रीवास्तव जी के पिता डॉ आनंद कुमार श्रीवास्तव, एक डॉक्टर और सरकारी अधिकारी थे। जबकि प्रशांत श्रीवास्तव जी की माता जी भी अत्यंत अध्यात्मिक शिक्षित गृहणी थी। प्रशांत श्रीवास्तव जी के परिवार में अन्य सम्बन्धी भी उच्च सरकारी पदों पर और सामाजिक रूप से अत्यंत सम्मानित थे। 

परिवार में किसी भी प्रकार का कोई  ज्योतिष माहौल नहीं था। लेकिन प्रशांत श्रीवास्तव जी के परिवार को तब आश्चर्य हुआ जब लगभग  ११ वर्ष की आयु से वह लोगो के बारे में अत्यंत अचूक और सत्य भविष्यवाणी करने लगे और गूढ़ आध्यात्मिक विषयो पर चर्चा करने लगे। उनकी आयु १५ वर्ष होते-होते प्रशांत श्रीवास्तव जी परिवार और समाज में सत्य भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाने लगे। 

प्रशांत श्रीवास्तव जी की माँ श्रीमती पुष्पा श्रीवास्तव को यह सब अजीब और कुछ असामान्य लगा तो उन्होंने प्रशांत श्रीवास्तव जी की जन्मपत्रिका, जो की जन्म के समय ही काशी के अत्यंत श्रेष्ठ ज्योतिषो द्वारा बनायीं गयी थी को स्थानीय ब्राह्मणो को दिखाया और सलाह ली। उन सभी ब्राह्मणो ने प्रशांत जी की जन्मपत्रिका में पहले से लिखा हुआ दिखाया की ये बालक अत्यंत धार्मिक, ज्ञानी, नव धर्म शुरू करने वाला, ज्योतिष या किसी धार्मिक मठ का मुखिया आदि होगा। प्रशांत श्रीवास्तव की माता जी ने पिता जी को इन चिंताओं से अवगत कराया तो उन्होंने इसे बचपना और कौतुहल बताया और इस पर ज्यादा ध्यान न देने को कहा। लेकिन १७ वर्ष का होते होते इनकी ख्याति काफी बढ़ चुकी थी। 

अब इन्हे इन सब से दूर Engineering पढ़ने भेज दिया गया। लेकिन वंहा भी और उसके बाद भी इनकी रूचि अध्यात्म और ज्योतिष में बढ़ती गयी और इनकी भविष्यवाणियां अब शहर में चर्चा का विषय बनने  लगी। प्रशांत श्रीवास्तव जी के मामा इंजी श्री ललित मोहन श्रीवास्तव ने प्रशांत श्रीवास्तव जी के बचपन से ही इनसे अपने कार्यो में ज्योतिषीय सलाह लेनी शुरू कर दी और इनको  इनके पुकारने वाले नाम बंटी से "बंटी गुरु" कहकर पुकारना शुरू कर दिया।  

इन सब के बीच इनके एक पडोसी और इनके प्रिय चाचा जिनके मृत्यु बारे में इन्होने बचपन में ही भविष्यवाणी की थी उनकी मृत्यु ने इन्हे और सभी को हिला दिया। सबने बचपन में प्रशांत श्रीवास्तव जी की बहुत पहले की भविष्वाणी को एक बचपना समझा था, लेकिन उसके सत्य होने की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उस दुःख से इन्होने ज्योतिष कार्य छोड़ दिया। 

कुछ वर्षो के बाद, प्रशांत श्रीवास्तव जी की माता जी जो की स्वयं अत्यंत ज्ञानी और आध्यात्मिक थी,

 उन्होंने इनसे कहा की हो सकता है पिछले जन्म से या कई जन्मो से तुम आध्यात्मिक रहे हो, ज्योतिष रहे हो और हर जन्म में इस तरह दुःखी होकर या किसी भी कारण से तुमने ज्योतिष या अध्यात्म छोड़ दिया हो। उसी कार्य को पूरा करने के लिए पुनः जन्म मिला हो और फिर तुमने नहीं किया तो पुनः जन्म लेना होगा। प्रकृति ने अगर तुम्हारे लिए कुछ निश्चित किया है, तो करना तो तुम्हे ही होगा अभी करो या अगले जन्म में। 

अपनी माता जी की बात पर प्रशांत श्रीवास्तव जी ने काफी विचार किया। उसके उपरांत इन्होने निर्णय किया की परिस्थिति कुछ भी हो अब अध्यात्म, ज्योतिष और धर्म नहीं छोड़ेंगे। उनके ज्योतिष छोड़ने का एक कारण और भी था। वो यह था की प्रशांत श्रीवास्तव जी की माँ और उनके जानने वालो के अनुसार प्रशांत श्रीवास्तव जी के पास बचपन से कोई भी प्रेम से आया जिसको उन्होंने अपनाया उसका जीवन निश्चित रूप से आश्चर्यजनक रूपांतरित हुआ।  इसलिए उनकी माँ और मित्र उन्हें पारस पत्थर कहते थे और आज भी कहते है ।  जिस पर उनके भाई, बहन विशेष रूप से भाई, प्रशांत जी को  हमेशा इस बात के लिए चिढ़ाते रहे की अंत में तुम तो पत्थर ही हो ...... आज भी यह क्रम चल रहा है। लेकिन अब प्रशांत श्रीवास्तव जी इन सब बातो को हँस कर टाल देते है। इनका उद्देश्य अब निश्चित है की कुछ भी हो  अध्यात्म को नहीं छोड़ना, और ऐसा इन्होने किया भी। एस्ट्रोलॉजी आधारित ध्यान शुरू करने के बाद इन्होने स्वयं कहा की मम्मी की बात शत प्रतिशत सत्य हुई आज  समाज को एक नयी और वास्तविक विधि तो मिली।   

प्रशांत श्रीवास्तव आज भी अपनी सत्य भविष्यवाणियों के लिए ही जाने जाते है। 

प्रशांत श्रीवास्तव जी ज्योतिष के वैज्ञानिक पक्ष और अपनी साइंटिफिक ज्योतिष के लिए विशेष रूप से जाने जाते है। ज्योतिष में अन्धविश्वास, Fake और Misleading ज्योतिष पर उनके कई वीडियो है जिन्हे आप यहाँ क्लिक कर के देख सकते है।  

प्रशांत श्रीवास्तव जी के अनुसार  ज्योतिष भविष्यवाणियां क्यों गलत होती है और कैसे ज्योतिष का गलत प्रयोग  ज्योतिष और आपकी दुर्दशा का कारण बनता है इसके तार्किक और अकाट्य उदाहरण द्वारा उनके कई वीडियो उपलब्ध है, यहाँ क्लिक कर आप भी देखे।  

अभी भी अध्यात्म के क्षेत्र में नए विचार और नया करने को लेकर प्रशांत श्रीवास्तव जी अत्यंत उत्साहित है। 

   प्रशांत श्रीवास्तव का संदेश:

“ध्यान केवल मन की क्रिया नहीं, यह ग्रहों की चिकित्सा है।
जो व्यक्ति ध्यान करता है, वह अपने ग्रहों को बदल नहीं सकता,
लेकिन उनके प्रभाव को समझकर उनसे मित्रता ज़रूर कर सकता है।”

आज का कार्यक्षेत्र:

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(यहाँ वे नियमित रूप से Astro Meditation, ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ और ध्यान साधनाएँ साझा करते हैं)

व्यक्तिगत परामर्श: ज्योतिष और ग्रह ध्यान के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन।

वर्कशॉप्स: “Transform Your Life with Astro Meditation” जैसे विशेष सत्र।

प्रशांत श्रीवास्तव एक ऐसे आधुनिक व्यक्ति हैं जो  अध्यात्म, ज्योतिष और ध्यान को जोड़कर जीवन को परिवर्तित करने का मार्ग दिखाते हैं।


उनकी साधना “Astro Meditation” आज हजारों लोगों के लिए चेतना, कर्म और ग्रहों के समरस संतुलन का द्वार बन चुकी है।

प्रशांत श्रीवास्तव केवल एक ज्योतिषाचार्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं।
उन्होंने ज्योतिष को ध्यान से जोड़कर इसे एक जीवित साधना बना दिया।
उनका संदेश स्पष्ट है 

ज्योतिष भविष्य बताने का नहीं, चेतना जाग्रत करने का विज्ञान है


FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या प्रशांत श्रीवास्तव जन्म से ज्योतिषी हैं?

हाँ, उनकी कुंडली और बचपन की दिव्य अनुभूतियाँ जानने के बाद सभी ऐसा कहते है आप भी जानिए और बताये की क्या वे जन्मजात ज्योतिषी हैं।

Q2. Astro Meditation क्या है?

यह एक ज्योतिषीय ध्यान विधि है जो ग्रहों की ऊर्जा को ध्यान, मंत्र और श्वास आदि  की साधना द्वारा संतुलित करती है।

Q3. क्या Astro Meditation से ग्रह दोष दूर होते हैं?

हाँ, ध्यान के माध्यम से व्यक्ति की चेतना संतुलित होती है जिससे ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं।

Q4. क्या यह सभी राशियों पर लागू होती है?

जी हाँ, हर व्यक्ति की कुंडली के अनुसार यह ध्यान विधि अलग-अलग रूप में दी जाती है।

Q5. कहाँ जुड़ सकते हैं?

आप Sri Prashant Astrology YouTube Channel पर सभी जानकारी पा सकते हैं।



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